कोल्हापूर के सबसे दस प्रसिद्ध जगहे | Top 10 Best places to see in Kolhapur

महाराष्ट्र का एक समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत वाला शहर कोल्हापुर पर्यटकों के लिए विभिन्न आकर्षण प्रदान करता है। प्राचीन मंदिरों से लेकर सुंदर झीलों तक, यहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। यहां कोल्हापुर के टॉप 10 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसके बारे में हम आपकी यात्रा योजना को आसान बनाने के लिए बता रहे हैं. 

कोल्हापूर के सबसे दस प्रसिद्ध जगहे:

1. महालक्ष्‍मी मंदिर:

महालक्ष्‍मी मंदिर को अंबाबाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु की पत्नी देवी महालक्ष्मी को समर्पित है. हिंदुओं के लिए तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर, कोल्हापुर महालक्ष्मी मंदिर और पद्मावती मंदिर का दौरा करना प्रथा है. ऐसा माना जाता है कि तीर्थयात्रा के रूप में इन मंदिरों के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर बस स्टैंड से 4 किमी की दूरी पर है। महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण चालुक्य शासन के दौरान 634 ई. में कर्णदेव ने करवाया था. एक पत्थर के तख्त पर स्थापित, मुकुटधारी देवी की मूर्ति रत्नों से जड़ी हुई है. इस मूर्ति का वजन करीब 40 किलो है. काले पत्थर पर उकेरी गई महालक्ष्मी की प्रतिमा 3 फीट ऊंची है. मंदिर की एक दीवार पर श्री यंत्र बना हुआ है. आपको इस मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए.

2. न्यू पैलेस:

न्यू पैलेस एक महल है। इस महल को बनने में 7 साल लगे और करीब सात लाख रुपये की लागत आई. न्यू पैलेस कोल्हापुर बस स्टैंड से 5 किमी की दूरी पर है. काले पॉलिश वाले पत्थर से निर्मित भारतीय वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति होने के कारण यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. इसमें बगीचों, फव्वारों और कुश्ती के मैदानों के साथ हरे-भरे मैदान हैं. पूरी इमारत अष्टकोणीय है और बीच में एक मीनार है. इस पर लगी घड़ी 1877 में लगाई गई थी. यहां के हर शीशे पर मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के दृश्य हैं. इसमें एक चिड़ियाघर और एक अंतर्देशीय झील है. एक और बहुत महत्वपूर्ण बात यह है कि आज भी यह छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रत्यक्ष वंशज छत्रपति शाहू महाराज का निवास स्थान है.

3. पन्हाला किला:

पन्हाला किला कोल्हापुर से 23 किमी की दूरी पर स्थित है. अपने टेढ़े-मेढ़े आकार के कारण इस किले को 'सांपों का किला' भी कहा जाता है. इस किले का निर्माण 1178 से 1209 के बीच शिलाहार के राजा भोज द्वितीय ने करवाया था. कोल्हापुर की महारानी ताराबाई रानी साहेब ने अपने प्रारंभिक वर्ष यहीं बिताए. किले के कई हिस्से और इसकी वास्तुकला आज भी बरकरार है. सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में स्थित, पन्हाला प्राकृतिक सुंदरता, प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक किलों के साथ एक सुंदर हिल स्टेशन है. हरी-भरी पहाड़ियाँ, जंगल और झरने विशेष रूप से मानसून के दौरान सबसे अच्छे होते हैं.

4. श्री तुलजा भवानी मंदिर:

यह मंदिर महालक्ष्मी मंदिर के बहुत करीब है. श्री तुलजा भवानी मंदिर आकार में महालक्ष्मी मंदिर से छोटा है लेकिन भक्तों के लिए इसका धार्मिक महत्व है. भवानी मंडप के केंद्र में तुलजा भवानी का मंदिर है, जिन्हें महालक्ष्मी की छोटी बहन माना जाता है और उन्हें कोल्हापुर में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. श्री छत्रपति ने यह मंदिर अपने परिवार के सदस्यों के लिए बनवाया था. कई लोगों का मानना ​​है कि यहां की मूर्ति की पूजा शिवाजी महाराज द्वारा की गयी थी.

5. रंकला झील:

रंकला झील कोल्हापुर बस स्टैंड से 5 किमी की दूरी पर स्थित है. यह स्थान कोल्हापुर वालो के लिए एक लोकप्रिय शाम का स्थान और मनोरंजन केंद्र है. इस झील का निर्माण स्वर्गीय महाराजा श्री शाहू छत्रपति ने करवाया था. झील चौपाटी और अन्य पार्कों से घिरी हुई है. इस झील के बगल में शालिनी पैलेस है. यहां चौपाटी, चटक दार भेल-पुरी, रगड़ा-पेटीज़ और विभिन्न खाद्य स्नैक्स मिलते हैं. पहले कोल्हापुर फिल्म उद्योग के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था. रंकाला झील के आसपास कई मराठी और हिंदी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है.

6. शालिनी पैलेस:

शालिनी पैलेस कोल्हापुर बस स्टैंड से 5 किमी की दूरी पर स्थित है. यह महल 1931 से 1934 के बीच 800,000 रुपये की लागत से बनाया गया था. इस महल का नाम कोल्हापुर की राजकुमारी शालिनी राजे के नाम पर रखा गया था. यह महल रंकाला झील के बगल में है. महल को 1987 में 3-सितारा होटल में बदल दिया गया था और इसका उपयोग कई फिल्मों के लिए पृष्ठभूमि के रूप में किया गया है. भारी घाटे के कारण 2014 में इसे बंद कर नगर पालिका को सौंपना पड़ा. यह महल जटिल काले पत्थर और इतालवी संगमरमर से बना है. आप इस महल को देखने जरूर जा सकते हैं.

7. टाउन हॉल संग्रहालय:

टाउन हॉल संग्रहालय कोल्हापुर बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर स्थित है. इस बस्ती का निर्माण 1872 से 1876 के बीच हुआ था. टाउन हॉल संग्रहालय के पूर्वी हिस्से में कई पेड़ हैं. यहां आप ब्रम्हपुरी खुदाई में मिली प्राचीन मूर्तियां, प्रसिद्ध चित्रकारों द्वारा बनाई गई शानदार दीवार पेंटिंग, प्राचीन सिक्के, तलवारें, बंदूकें, भाले आदि देख सकते हैं.

8. भवानी मंडप:

भवानी मंडप कोल्हापुर शहर के मध्य में स्थित एक ऐतिहासिक संरचना है. यह स्थान महालक्ष्मी मंदिर के पास है. यह कोल्हापुर के महाराजाओं का शाही वैभव है। यह छत्रपति महाराज का दरबार हुआ करता था. पहले के समय में भवानी मंडप एक महत्वपूर्ण बैठक स्थल था. इसमें विभिन्न अदालती अधिकारियों के कार्यालय थे और यह कई त्योहारों का केंद्र था. इस जगह पर एक विशिष्ट ब्रिटिश शासन वास्तुकला है जो पुराने जमाने की समृद्ध संस्थागत स्थिति की यादें ताजा करती है.

9. खासबाग मैदान:

खासबाग मैदान महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में एक राष्ट्रीय कुश्ती स्टेडियम है. यह भारत का सबसे बड़ा कुश्ती स्टेडियम है. यह स्टेडियम राजर्षि शाहू महाराज के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. यह स्टेडियम कोल्हापुर बस स्टैंड से 4 किमी की दूरी पर स्थित है. अखाड़े में एक कुश्ती रिंग के चारों ओर लगभग 30,000 लोगों के बैठने की जगह है जिसे "हौड" भी कहा जाता है.

10. श्री बिनखंबी गणेश मंदिर:

यह मंदिर कोल्हापुर बस स्टैंड से सिर्फ 4 किमी दुरी पर  है. और महालक्ष्मी मंदिर के बहुत करीब है. यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है. श्री बिनखंबी गणेश मंदिर एक ही पत्थर से बनाया गया है, जो अविश्वसनीय शिल्प कौशल का प्रदर्शन करता है. इस मंदिर में हमें एक भी स्तंभ नहीं मिलता है. भक्त विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के दौरान आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं. आपको इस मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए.