सांगली के १० प्रसिद्ध जगहे | Top 10 best tourist places in Sangli

महाराष्ट्र राज्य में सांगली एक जीवंत शहर है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, हरियाली और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है. यहां उन पर्यटकों के लिए विभिन्न आकर्षण हैं जो पारंपरिक भारतीय संस्कृति को जानना चाहते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं. आपकी यात्रा योजना को आसान बनाने के लिए यहां सांगली के टॉप 10 सर्वोत्तम पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तृत मार्गदर्शिका दी गई है.

सांगली के १० प्रसिद्ध जगहे:

1. गणपति मंदिर:

गणपति मंदिर सांगली शहर के गणपति पेठ क्षेत्र में स्थित एक पवित्र हिंदू मंदिर है. यह स्थान सांगली बस स्टैंड से 1.5 किमी की दूरी पर है. सांगली का गणपति मंदिर, भगवान गणेश को समर्पित, कृष्णा नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित है. इस मंदिर के निर्माण में 30 years लगे और यह 1845 में पूरा हुआ। 1952 में, गणेश मंदिर के सामने एक लाल पत्थर का मेहराब बनाया गया था. मंदिर का शेष निर्माण कार्य चिंतामणि राव द्वितीय के शासनकाल में पूरा हुआ.

2. कृष्णा नदी घाट:

कृष्णा नदी का स्रोत महाबलेश्वर में है लेकिन आप कृष्णा नदी घाट को सांगली में देख सकते हैं. यह स्थान सांगली बस स्टैंड से 1.5 किमी की दूरी पर है. माना जाता है कि कृष्णा नदी के तट पर सुंदर विशाल पत्थर की संरचना 1779 में मराठा साम्राज्य के परशुरामभाऊ पटवर्धन द्वारा बनाई गई थी. नदी के बीच में भगवान शिव का एक सुंदर मंदिर है, यहां से घाट तक पहुंचने के लिए आसान सीढ़ियां हैं. पुल के नीचे बहती नदी की मधुर ध्वनि, हरे-भरे लॉन और ताज़ी हवा का संयोजन यहाँ एक सुखद वातावरण बनाता है. यह शहरी जीवन की हलचल से दूर रहने और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता से जुड़ने के लिए एक शानदार जगह है.

3. संगमेश्वर मंदिर:

सांगली का संगमेश्वर मंदिर इस क्षेत्र के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है. यह मंदिर सांगली जिले के हरिपुर गांव में कृष्णा और वारना नदियों के संगम पर स्थित है. संगमेश्वर मंदिर सांगली बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने के दौरान यहां बहुत भीड़ होती है, खासकर सोमवार को जब बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. संगमेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर बायीं ओर विष्णु का एक छोटा सा मंदिर है. आप इस मंदिर के दर्शन जरूर कर सकते हैं.

4. मिरज:

मिरज इतिहास और संस्कृति से समृद्ध एक आकर्षक शहर है. यह अपनी संगीत विरासत के लिए जाना जाता है, जिसका शास्त्रीय संगीत, विशेषकर हिंदुस्तानी परंपरा से गहरा संबंध है. यहां आप स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं, पारंपरिक कलाकृतियों की खरीदारी कर सकते हैं. यहां के लोग बहुत अच्छे और सम्मानित हैं. यह शहर अनार और अंगूर की खेती के लिए भी प्रसिद्ध है, यहां आप स्थानीय बाजारों में ताजे फल पा सकते हैं. अनोखा और शांतिपूर्ण यात्रा अनुभव के लिए मिरज एक अद्भुत जगह है.

5. नरसोबावाड़ी:

नृसिंहवाड़ी को आमतौर पर नरसोबावाड़ी या नरसोबाची वाडी के नाम से जाना जाता है. यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले की शिरोळ तहसील में एक छोटा सा गांव है। दरअसल यह जगह कोल्हापुर जिले में आती है लेकिन सांगली से काफी करीब है. यह स्थान सांगली बस स्टैंड से 20 किमी की दूरी पर है. नरसोबावाड़ी नाम भगवान दत्तात्रेय के पूर्ण अवतार 'श्री नृसिंह सरस्वती' से लिया गया है. यहां दो नदियों पंचगंगा और कृष्णा का संगम है.

यह स्थान बासुंदी और कंडी पेढ़ा के लिए जाना जाता है. मंदिर परिसर में कई छोटे खाद्य स्टॉल हैं जो गर्म स्थानीय व्यंजन जैसे आंबोली, कट-वड़ा, मिर्ची भाजे और ताजा गन्ने का रस परोसते हैं.

6. राजवाड़ा:

सांगली शहर के सबसे पुराने हिस्सों में से एक है. यह सांगली के पटवर्धन का महल है और इसे राजा चिंतामनराव पटवर्धन द्वितीय ने भारत सरकार को दान कर दिया था. यह स्थान सांगली बस स्टैंड से 1 किमी की दूरी पर है. महल किले के मध्य में स्थित है. किले के अंदर एक संग्रहालय, एक बड़ा दरबार हॉल, एक बड़ा टावर और दरबार हॉल के सामने तीन मेहराब हैं. यहां एक पुराना गणेश मंदिर भी है.

7. आयर्विन पूल:

आयर्विन पूल सांगली बस स्टैंड से 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है. इरविन ब्रिज महाराष्ट्र के सांगली में कृष्णा नदी पर एक पुल है. 1929 से पहले सांगली शहर से पुणे, मुंबई का रास्ता कोल्हापुर से होकर जाता था। क्योंकि कृष्णा नदी पर कोई पुल नहीं था. सांगली में  ई.पू 1914 और  ई 1916 की जलप्रलय के बाद कृष्णा नदी पर एक पुल की आवश्यकता महसूस हुई. सांगली संस्थान के तत्कालीन शासक चिंतामनराव अप्पासाहेब पटवर्धन द्वितीय ने इसके लिए पहल की. 1929 में इस पुल का उद्घाटन तत्कालीन वायसराय आयर्विन ने किया था.

8. हरिपुर:

हरिपुर सांगली का एक छोटा सा खूबसूरत गांव है और सांगली जिले का एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी है. यह गांव दो नदियों कृष्णा और वारना के संगम पर स्थित है। यह गांव धार्मिक, सांस्कृतिक और परंपरा से समृद्ध है. हरिपुर गांव में आपको संगमेश्वर मंदिर भी देखने को मिलेगा. हरिपुर सांगली बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर स्थित है. यह गाँव हल्दी और इमली के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.

9. एसएफसी मेगा मॉल:

एसएफसी मेगा मॉल सांगली में एक शॉपिंग मॉल है. यह स्थान सांगली बस स्टैंड से 1.5 किमी की दूरी पर है. इसमें मल्टीप्लेक्स, फिटनेस सेंटर, सैलून, कॉफी स्टोर और विभिन्न भोजन विकल्प हैं. मॉल साफ-सुथरा है और माहौल अच्छा है. यहां आपको ब्रांड स्टोर, रिटेल स्टोर मिलेंगे. मनोरंजन के लिए चार स्क्रीन और आर्केड गेम वाला एक मल्टीप्लेक्स है. एसएफसी मेगा मॉल में एक बड़ा पार्किंग क्षेत्र भी है. सांगली में मनोरंजन मतलब एसएफसी मेगा मॉल.

10. कृष्णा वारना संगम:

सांगली बस स्टैंड से कृष्णा वारना संगम 3.5  किमी की दूरी पर है. यह संगम आपको हरिपुर गांव में मिलेगा. कृष्णा नदी का उद्गम महाबलेश्वर में है जबकि वारना नदी का उद्गम प्रचितगढ़ में है. इन दोनों नदियों का महाराष्ट्र में बहुत बड़ा स्थान है और इन नदियों का संगम आपको यहां सांगली में देखने को मिलेगा.